Nuclear Accidents (H)

फुकुशिमा और चर्नोबिल जैसे हादसों ने जहां परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लेकर संशय पैदा किया वहीं चिकित्सा से लेकर कृषि क्षेत्र और सुरक्षा संसाधनों तक रेडियो धर्मिता के बढ़ते इस्तमाल ने विकिरण के जोखिम को भी बढ़ा दिया है, इस जोखिम को कम करने के लिए जहां सुरक्षित परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम लागू किया जा रहा है वहीं परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण, संचालन और अन्य क्षेत्रों में रेडियोधर्मी पदार्थों के इस्तमाल को लेकर मानक तय करता है, और सुनिश्चित करता है कि नियमों का पालन किया जाए, यही वजह है कि भारत में आज तक कोई गंभीर नाभकीय संकट पैदा नहीं हुआ है ।

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