Cleaning the Ganga (H)
क्लीनिंग द गंगा हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले के आयोजन की तैयारियों के साथ ही, गंगा नदी के बहाव वाले ऊपरी क्षेत्रों को साफ करने का एक बड़ा प्रयास किया गया है। गंगा नदी की सफाई और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये के नमामि गंगे मिशन की शुरूआत की गई है। ऋषिकेश के पास मुनि की रेती शहर में, चंद्रेश्वर नाले के मुहाने पर स्थापित, प्रतिदिन 7.50 लाख लीटर की क्षमता वाला, एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट , देश में पहला 4 मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है। यहां जगह की कमी थी, इस प्लांट की स्थापना से इस समस्या को भी अवसर में बदल दिया गया। एसटीपी का निर्माण 900 वर्ग मीटर से भी कम क्षेत्र में किया गया है। आमतौर पर ऐसी क्षमता के एसटीपी के लिए आवश्यक क्षेत्र का ये लगभग 30% है। श्री राजीव रंजन मिश्रा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से प्रशिक्षित एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी हैं। वर्तमान में वे सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक नमामि गंगे के महानिदेशक हैं। मिश्रा जी बताते हैं, कि कैसे गंगा नदी के कायाकल्प के प्रयासों के फलस्वरूप सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरे बेसिन में बनाया जा रहा है। गंगा को 'अविरल और निर्मल' रखना एक वचन है जिसे वह निभाने की जिम्मेदारी वे उठा रहे हैं।